श्लोक - ४६१
व्ययमादौ ततश्चायं ततो लाभं च शाश्वतम् ।
कार्यरम्भे विमृश्याथ कार्यमारभ्यतां बुधै: ।
Tamil Transliteration
Azhivadhooum Aavadhooum Aaki Vazhipayakkum
Oodhiyamum Soozhndhu Seyal.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 47 |