श्लोक - ४५८
मन:शुद्धि: पुण्यकृत्यात् स्वयं जायेत केषुचित् ।
सत्साङ्गत्यं चित्तशुद्धिं वर्धयेत् तादृशेष्वपि ॥
Tamil Transliteration
Mananalam Nankutaiya Raayinum Saandrorkku
Inanalam Emaap Putaiththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 46 |