श्लोक - ४५९
आमुष्मिकं सुखं चित्तशुद्धया मन्प्राप्यते नरै: ।
सत्सङ्गति: सुखस्यास्य प्राप्तौ विघ्नं निवारयेत् ॥
Tamil Transliteration
Mananalaththin Aakum Marumaimar Raqdhum
Inanalaththin Emaap Putaiththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 46 |