श्लोक - ४४९
विना मूलधनं लाभो व्यापारे नैव लभ्यते ।
मह्त्साह्यं विना राज्ञां तथा स्थैर्य सुदुर्लभम् ॥
Tamil Transliteration
Mudhalilaarkku Oodhiya Millai Madhalaiyaanjjch
Aarpilaark Killai Nilai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 45 |