श्लोक - ४५०
अनेकशत्रुबाधातो दु:खं दशगुणान्वितम् ।
भुपो विन्देत सत्सङ्गं प्राप्तं य: सन्त्यजेन्नृप: ॥
Tamil Transliteration
Pallaar Pakai Kolalir Paththatuththa Theemaiththe
Nallaar Thotarkai Vital.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 45 |