श्लोक - ४४८
समये शिक्षकै: सद्भि: साङ्गत्यरहितो नृप: ।
शत्रुबाधाविहीनोऽपि स्वयमेव विनश्यति ॥
Tamil Transliteration
Itippaarai Illaadha Emaraa Mannan
Ketuppaa Rilaanung Ketum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 45 |