श्लोक - ४४७
स्खालित्ये कठिनैर्वाक्यै: दण्डयन्तं सुमन्त्रिणम् ।
यो राजा लभते तस्मिन् निर्वीर्या: किल शत्रव: ॥
Tamil Transliteration
Itikkun Thunaiyaarai Yaalvarai Yaare
Ketukkun Thakaimai Yavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 45 |