श्लोक - ४१९
अपूर्वसूक्ष्मशास्त्रार्थश्रवणं यै: सदा कृतम् ।
ते विनीतवचोयुक्ता भवेयु र्न तथा परे ॥
Tamil Transliteration
Nunangiya Kelviya Rallaar Vanangiya
Vaayina Raadhal Aridhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 42 |