श्लोक - ४१३
श्रोत्रै: श्रवणरूपान्नसेविनो भूगता अपि ।
हविर्भुग्भिरमर्त्यैस्तु भवेयु: सदृशा नरा: ॥
Tamil Transliteration
Seviyunavir Kelvi Yutaiyaar Aviyunavin
Aandraaro Toppar Nilaththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 42 |