श्लोक - ४०६
ऊषरक्षेत्रसदृशा विद्याहीना नरा भुवि ।
केवलं जनिमन्तस्ते न तेषां सत्तया फलम् ॥
Tamil Transliteration
Ularennum Maaththiraiyar Allaal Payavaak
Kalaranaiyar Kallaa Thavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 41 |