श्लोक - ३९९
निजानन्दकरीं विद्यां परेषां निजमूलत: ।
आनन्ददात्रीं विज्ञाय तां प्राज्ञा बहुकुर्वते ॥
Tamil Transliteration
399 Thaamin Puruvadhu Ulakin Purak Kantu
Kaamuruvar Katrarin Thaar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 40 |