श्लोक - ३९८
एकजन्मन्यधिगता विद्या नृनं हि केनचित् ।
सप्तजन्मस्वनुगता तस्य साह्यकरी भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Orumaikkan Thaan Katra Kalvi Oruvarku
Ezhumaiyum Emaap Putaiththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 40 |