श्लोक - ३४८
उत्तम: स हि म्न्तव्य: सर्वे त्याजति य: क्षणे।
अज्ञानवशमापन्ना भवन्ति मनुजा: परे॥
Tamil Transliteration
Thalaippattaar Theerath Thurandhaar Mayangi
Valaippattaar Matrai Yavar.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | सन्यास: |