श्लोक - ३४९

श्लोक 349
श्लोक #३४९
द्विविधे बन्धने याते जन्मदु:खं विमुच्यते।
अन्यथा जन्ममरण प्रवाहस्त्वनवस्थित्:॥

Tamil Transliteration
Patratra Kanne Pirapparukkum Matru
Nilaiyaamai Kaanap Patum.

Sectionभाग–१: धर्मकाण्ड
Chapter Groupअधिकार 021 to 030
chapterसन्यास: