श्लोक - ३२७
आत्मानो मरणं वापि जायतां प्राणिमूलकम्।
न कार्या प्राणिनां हत्या स्वात्मरक्षणमिच्छता॥
Tamil Transliteration
Thannuyir Neeppinum Seyyarka Thaanpiridhu
Innuyir Neekkum Vinai.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | अवध: |