श्लोक - ३१६
'अनेन कर्मणा दु:खं प्राणिनां भविता ध्रुवम्'।
इति निर्धारितात् कार्यात् सर्वदा विरतो भवेत्॥
Tamil Transliteration
Innaa Enaththaan Unarndhavai Thunnaamai
Ventum Pirankan Seyal.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | अपकारत्याग: |