श्लोक - २५६
मांसार्थे न भवेत् प्राणि हिंसा चेदिह भूरिश:।
धनार्थे नैव वर्तेरन् मांसविक्रयिणो नरा:॥
Tamil Transliteration
Thinarporuttaal Kollaadhu Ulakenin Yaarum
Vilaipporuttaal Oondraruvaa Ril.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | मांसवर्जनम् |