श्लोक - २५५
मांसहारोभिवृद्धश्चेत् सदेहं प्राणिनामिह।
दुर्लभा स्थितिरेव स्यात् नरकश्चापि जायते॥
Tamil Transliteration
Unnaamai Ulladhu Uyirnilai Oonunna
Annaaththal Seyyaadhu Alaru.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | मांसवर्जनम् |