श्लोक - २५३
प्राणिमांसरसास्वाद निमग्नस्य हि मानसम्।
घातकस्यात्तश्स्त्रस्य चित्तवन्निर्दयं भवेत्॥
Tamil Transliteration
Pataikontaar Nenjampol Nannookkaadhu Ondran
Utalsuvai Untaar Manam.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | मांसवर्जनम् |