श्लोक - २४७
वित्तहीनो न लभते इहलोके यथा सुखम्।
परलोके न लभते दयाशून्य: सुखं तथा॥
Tamil Transliteration
Arulillaarkku Avvulakam Illai Porulillaarkku
Ivvulakam Illaaki Yaangu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | दया |
वित्तहीनो न लभते इहलोके यथा सुखम्।
परलोके न लभते दयाशून्य: सुखं तथा॥
Tamil Transliteration
Arulillaarkku Avvulakam Illai Porulillaarkku
Ivvulakam Illaaki Yaangu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | दया |