श्लोक - २३७
अशक्तो जीवितुं कीर्त्या न द्वेष्ट्यात्मानमात्मना।
किन्त्वात्मनिन्दकं द्वेष्टि किं भवेदत्र कारणम्॥
Tamil Transliteration
Pukazhpata Vaazhaadhaar Thannovaar Thammai
Ikazhvaarai Novadhu Evan?.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | कीर्ति: |