श्लोक - २३६
यदीष्टं मानुषं जन्म कीर्त्या जननमुत्तमम्।
अन्यथा मृगजन्मैव श्लाघ्यते मर्त्यजन्मन:॥
Tamil Transliteration
Thondrin Pukazhotu Thondruka Aqdhilaar
Thondralin Thondraamai Nandru.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | कीर्ति: |