श्लोक - २३४
पृथिव्या: स्थितिपर्यन्तां कीर्ति यो लभते नर:
स्वर्गलोकोऽपि तं स्तौति न तु ज्ञानसमन्वितान्॥
Tamil Transliteration
Nilavarai Neelpukazh Aatrin Pulavaraip
Potraadhu Puththel Ulaku.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | कीर्ति: |