श्लोक - २२५
अवारयन् क्षुघं भोज्यैयेंगी तत्सहनक्षम:।
तामापाकुर्वतोऽन्नाद्यै गृहस्थानाधिको मत:॥
Tamil Transliteration
Aatruvaar Aatral Pasiaatral Appasiyai
Maatruvaar Aatralin Pin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | दानम् |