श्लोक - २२४
याचकस्य मुखं दानात् प्रसन्नं न भवेत् यदि।
दातृत्वमपि याञ्चेव जायते दु:खदं सदा॥
Tamil Transliteration
Innaadhu Irakkap Patudhal Irandhavar
Inmukang Kaanum Alavu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | दानम् |
याचकस्य मुखं दानात् प्रसन्नं न भवेत् यदि।
दातृत्वमपि याञ्चेव जायते दु:खदं सदा॥
Tamil Transliteration
Innaadhu Irakkap Patudhal Irandhavar
Inmukang Kaanum Alavu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | दानम् |