श्लोक - १९०
परोक्षनिन्दक: स्वीयदोषान् अन्यकृतानिव ।
यदि जानाति तं नैव बाधन्ते दु:खराशय: ॥
Tamil Transliteration
Edhilaar Kutrampol Thangutrang Kaankirpin
Theedhunto Mannum Uyirkku.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | परोक्षनिन्दावर्जनम् |