श्लोक - १९१
जुगुप्साजनकं व्यर्थभाषणं जनसंसदि ।
प्रयुङ्क्ते य: स सर्वेषां परीहास पदं भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Pallaar Muniyap Payanila Solluvaan
Ellaarum Ellap Patum.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | वृथालापनिषेध: |