श्लोक - १८८
विश्वस्तमित्रदोषणां परोक्षे संप्रकाशका: ।
उदासीन मनुष्येषु न कुर्यु: किमिवाप्रियम् ॥
Tamil Transliteration
Thunniyaar Kutramum Thootrum Marapinaar
Ennaikol Edhilaar Maattu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | परोक्षनिन्दावर्जनम् |