श्लोक - १८१
अप्यनुक्त्वा धर्मशब्दमधर्माचार तत्पर: ।
परोक्षनिन्दादोषेण रहितश्चेत् प्रशस्यते ॥
Tamil Transliteration
Arangooraan Alla Seyinum Oruvan
Purangooraan Endral Inidhu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | परोक्षनिन्दावर्जनम् |