श्लोक - १८०

श्लोक 180
श्लोक #१८०
परिणाममनालोच्य परलुब्धो विनश्यति ।
अलुब्धो यस्तु वर्तेत राजते स जयी भुवि ॥

Tamil Transliteration
Iraleenum Ennaadhu Veqkin Viraleenum
Ventaamai Ennunj Cherukku.

Sectionभाग–१: धर्मकाण्ड
Chapter Groupअधिकार 011 to 020
chapterअलोभ: