श्लोक - १७२
अन्यायाल्लज्जिता मर्त्या लोभेन परवस्तुषु ।
स्वल्पलाभमभीप्सन्त: निषिद्धं नैव कुर्वते ॥
Tamil Transliteration
Patupayan Veqkip Pazhippatuva Seyyaar
Natuvanmai Naanu Pavar.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | अलोभ: |