श्लोक - १६६
यो वै न सहतेऽन्यस्य विभवं समुपागतम् ।
बन्धवास्तस्य नश्यन्ति वस्त्राहारविवर्जिता: ॥
Tamil Transliteration
Kotuppadhu Azhukkaruppaan Sutram Utuppadhooum
Unpadhooum Indrik Ketum.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | अनसूयता |