श्लोक - १६७
दृष्ट्वा नरमसूयाढ्यं मन्युना सहिता रमा ।
ददाति तस्य दारिद्र्यम् स्वयं चापि विमुञ्चति ॥
Tamil Transliteration
Avviththu Azhukkaaru Utaiyaanaich Cheyyaval
Thavvaiyaik Kaatti Vitum.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | अनसूयता |