श्लोक - १२५८
स्त्र्वर्तिधैर्यसंज्ञाकप्राकारस्य विभेदनम् ।
वञ्चकप्रियनम्रोक्तिरूपसैन्येन शक्यते ॥
Tamil Transliteration
Panmaayak Kalvan Panimozhi Andronam
Penmai Utaikkum Patai.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | धैर्यहानि: |