श्लोक - १२५७

श्लोक 1257
श्लोक #१२५७
प्रिय: प्रेम्णा समागत्य कुर्यान्न: प्रार्थिनं यदि ।
तर्हि लज्जाभिधं वस्तु नैव ज्ञानं भवेन्मम ॥

Tamil Transliteration
Naanena Ondro Ariyalam Kaamaththaal
Peniyaar Petpa Seyin.

Sectionभाग–३: काम-काण्ड
Chapter Groupअध्याय 121 to 133
chapterधैर्यहानि: