श्लोक - १२११
प्रियान्देशसहित: स्वप्नो य: समुपागत: ।
निद्रायां तस्य चातिथ्यं कीदृशं करवाण्यहम् ॥
Tamil Transliteration
Kaadhalar Thoodhotu Vandha Kanavinukku
Yaadhusey Venkol Virundhu.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | दृष्टस्वप्नकथनम् |