श्लोक - ११८८
'वैवर्ण्य प्रापदेषे' ति वक्तार: मन्ति भृरिश: ।
'प्रियो ययौ वियुज्यैनामि' ति वक्ता न विद्यते ॥
Tamil Transliteration
Pasandhaal Ivalenpadhu Allaal Ivalaith
Thurandhaar Avarenpaar Il.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | वैवर्ण्यमूलकव्यसनम् |