श्लोक - ११८७
परिष्वज्य प्रियं पार्श्चे यदाऽहं परिवर्तिता ।
अत्रान्तरे तु वैवर्ण्य मद्देहे व्यापृतं वभौ ॥
Tamil Transliteration
Pullik Kitandhen Putaipeyarndhen Avvalavil
Allikkol Vatre Pasappu.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | वैवर्ण्यमूलकव्यसनम् |