श्लोक - ११८२
'नायकेनार्पितं चेदमि' ति सन्तोषहेतुना ।
वैवर्ण्य मम देहेऽस्मिन् व्याप्य सर्वत्र वर्तते ॥
Tamil Transliteration
Avardhandhaar Ennum Thakaiyaal Ivardhandhen
Menimel Oorum Pasappu.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | वैवर्ण्यमूलकव्यसनम् |