श्लोक - ११७५
मन्नेत्रे ये पुरा कामरोगं सागरसन्निभम् ।
अयच्छतामिदानीं ते खिद्येते निद्रया विना ॥
Tamil Transliteration
Patalaatraa Paidhal Uzhakkum Katalaatraak
Kaamanoi Seydhaen Kan.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | नायकदिदृक्षामृलकखेद: |