श्लोक - ११४
अयं माध्यस्थ्यवर्तीति विपरीतोऽयमित्यपि ।
सदसत्पुत्रजन्मभ्यां ज्ञातुं शक्यं विशेषत: ॥
Tamil Transliteration
Thakkaar Thakavilar Enpadhu Avaravar
Echchaththaar Kaanap Patum.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | ताटस्थ्यम् |