श्लोक - १०५४
स्वप्नेऽपि कपटं वाक्यं प्रयोक्तुमविजानत: ।
दातुरग्रे याचनापि दानेन सादृशं भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Iraththalum Eedhale Polum Karaththal
Kanavilum Thetraadhaar Maattu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | याचना |