श्लोक - १०५३
वञ्चनातीतचित्तानां धर्मज्ञानां समक्षत: ।
अर्थिनां याचनं चापि नूनं श्रेष्ठ्याय भूयते ॥
Tamil Transliteration
Karappilaa Nenjin Katanarivaar Munnindru
Irappumo Reer Utaiththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | याचना |