श्लोक - १०४८
मरणान्तकरक्रूरदारिद्र्यानुभवव्यथा ।
श्च: पुन: किं भवेद्वेति दरिद्र: चिन्तयेत् सदा ॥
Tamil Transliteration
Indrum Varuvadhu Kollo Nerunalum
Kondradhu Polum Nirappu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | दारिद्र्यम् |