श्लोक - १०४९
कश्चिन्मन्त्रबलादग्नौ सुखं स्वप्तुमपि क्षम: ।
परं दरिद्रावस्थायां स्वप्तुं को वा भवेत् क्षम: ॥
Tamil Transliteration
Neruppinul Thunjalum Aakum Nirappinul
Yaadhondrum Kanpaatu Aridhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | दारिद्र्यम् |