श्लोक - १०४२
लभेत् सहवासं यो दारिद्र्याभिधपापिना ।
ऐहिकामुष्मिकसुखं न विन्देत् स मानव: ॥
Tamil Transliteration
Inmai Enavoru Paavi Marumaiyum
Immaiyum Indri Varum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | दारिद्र्यम् |
लभेत् सहवासं यो दारिद्र्याभिधपापिना ।
ऐहिकामुष्मिकसुखं न विन्देत् स मानव: ॥
Tamil Transliteration
Inmai Enavoru Paavi Marumaiyum
Immaiyum Indri Varum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | दारिद्र्यम् |