श्लोक - १०४१
दारिद्र्येण समं लोके किं भवेद् दु:खदायकम् ।
इति प्रश्नस्य दारिद्र्येमेवेत्युत्तरमुच्यताम् ॥
Tamil Transliteration
Inmaiyin Innaadhadhu Yaadhenin Inmaiyin
Inmaiye Innaa Thadhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | दारिद्र्यम् |