श्लोक - १०४३
दादिद्र्यसंज्ञिकी त्वाशा यमाश्रित्य वसेन्नरम् ।
कुलश्रैष्ठ्यं च कीर्तिश्च तं विहाय विनि:सरेत् ॥
Tamil Transliteration
Tholvaravum Tholum Ketukkum Thokaiyaaka
Nalkuravu Ennum Nasai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | दारिद्र्यम् |