श्लोक - १००३

धनार्जनैकलक्ष्या ये कृत्वा दानादिसत्क्रियाम् ।
नार्जयन्ति परां कीर्तिं भारायन्ते भुवस्तु ते ॥
Tamil Transliteration
Eettam Ivari Isaiventaa Aatavar
Thotram Nilakkup Porai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | निरर्थकं वित्तम् |