श्लोक - १००२
'वित्तेन साध्यते सर्वमि'ति बुद्धया ह्युपार्जितम् ।
यो न दद्याद् ज्ञानशून्य: स नीचं जन्म विन्दते ॥
Tamil Transliteration
Porulaanaam Ellaamendru Eeyaadhu Ivarum
Marulaanaam Maanaap Pirappu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | निरर्थकं वित्तम् |